باب ناين
X اغلاق

अमेरिकी वीजा के लिए अप्लाई करने से पहले जान लें ये 5 बातें


شارك من خلال

अमेरिकी वीजा के लिए अप्लाई करने से पहले जान लें ये 5 बातें

विश्व के ज्यादातर देशों के नागरिकों के लिए अमेरिका का वीज़ा हासिल करना मुश्किलों के चरण पार करने जैसा है। या तो उन्हें लंबी या बहुत लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा। या उन्हें छह महीने या एक साल का वक्त लग सकता है। या फिर उपरोक्त दोनों स्थितियों का सामने करने के बाद अंत में इनकार किया जा सकता है। भारत जैसे अमेरिका के सहयोगी देश भी ट्रम्प प्रशासन की नई आव्रजन नीति से नहीं बच पाए हैं। पहले की बात अलग थी लेकिन अब वह नीति पहले से ज्यादा जटिल हो गई है। The New York Times ने एक लेख में अमेरिकी वीजा के बारे में विस्तार से बताया है। आइए जानते हैं

सबसे पहले गैर अप्रवासी वीज़ा आवेदन ऑनलाइन जमा करना होता है। उसके बाद संबंधित बैंक का आवेदन शुल्क जमा करके इंटरव्यू की प्रक्रिया के लिए निर्देशों का पालन। उसके बाद शुरू होता है दस्तावेजों की फाइल का काम नियोक्ता का वह पत्र जिसमें आवेदक के बारे में पूरी जानकारी कार्य की प्रकृति और उद्‌देश्य होता है। उसके बाद अमेरिकी सरकार का आमंत्रण पत्र इनविटेशन लेटर पासपोर्ट सभी बैंक खातों का विवरण और वह सभी जानकारी जिसमें आवेदक के घर लौटने का इरादा साबित होता हो।

कुछ देशों के लिए लगभग नियम ही ऐसे हैं कि वहां के आवेदक को इंटरव्यू के लिए चार महीने तक का समय लग सकता है। मिलने की तारीख पर विदेश सेवा अधिकारी का साथ होना जरूरी है। संभव है कि वह अधिकारी आपके आग्रह को ठुकरा दे कई बार बिना दस्तावेज देखे भी वह ऐसा कर सकता है। यह भी संभव है कि वह आपका प्रकरण विस्तृत समीक्षा करने के लिए संबंधित विभाग को भेज दे। इसमें ज्यादा वक्त लगता है। अलग-अलग अमेरिकी एजेंसी के अफसर इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी करने के बाद गंभीरता से आवेदक के पिछले रिकॉर्ड की जानकारी एकत्र करते हैं। उसके लिए फॉरेन डाटाबेस भी देखा जाता है।

सबकुछ सही पाए जाने के बाद वीज़ा जारी कर दिया जाता है लेकिन विमानतल पर अमेरिकी कस्टम अधिकारी फिर से स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी करते हैं जिसमें कई बार लंबा वक्त लग जाता है। संभव है कि अमेरिकी कस्टम अधिकारी भी आवेदक से कई तरह के सवाल पूछ लें। उन्हें इसके अधिकार दिए गए हैं और फिर अलग-अलग अफसर आवेदक की स्क्रीनिंग करते हैं।

क्यूबा 76 फीसदी लाओस 67 फीसदी सोमालिया 65 फीसदी सीरिया 63 फीसदी घाना 63 फीसदी लाइबेरिया 62 फीसदी अफगानिस्तान 61 फीसदी मॉरितानिया 61 फीसदी हैती 60 फीसदी अल सल्वाडोर 46 फीसदी आदि। इन देशों के आवेदन खारिज करने का आमतौर पर कोई कारण नहीं बताया जाता। वर्ष 2015 में ऐसे 13 देश थे जहां के आवेदकों के 60 फीसदी से अधिक वीज़ा आवेदन खारिज किए गए। उनमें अत्यधिक संख्या अफ्रीकन और मध्य-पूर्व के देशों की अधिक थी।

38 देश ऐसे हैं जिन्हें अमेरिका के वीज़ा छूट कार्यक्रम वीज़ा वेवर प्रोग्राम का लाभ मिलता है। उन देशों के नागरिकों को उपरोक्त प्रक्रिया से गुजरना तो नहीं पड़ता लेकिन विमान में बैठने के पहले अमेरिकी अधिकारियों को अपनी निजी जानकारी देनी जरूरी है। कनाडा और बरमुडा के नागरिकों को इसका ज्यादा लाभ मिलता है।

38 में 30 देश यूरोपीय हैं जिनमें फ्रांस ऑस्ट्रिया चेक गणराज्य डेनमार्क ग्रीस जर्मनी आयरलैंड इटली नॉर्वे पुर्तगाल स्पेन स्वीडन स्विट्जरलैंड यूके आदि शामिल हैं। एशिया-ओशेनिया के 7 देशों में ऑस्ट्रेलिया ब्रुनेई जापान न्यूजीलैंड सिंगापुर दक्षिण कोरिया और ताइवान हैं। दक्षिण अमेरिकी देश चिली एकमात्र देश है जिसे कार्यक्रम का लाभ मिलता है।

इन देशों के नागरिक अधिकतम 90 दिन बिना वीज़ा के अमेरिका में रह सकते हैं। उन्हें सामान्य से कम शुल्क और बहुत कम प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। अमेरिका पहुंचने के बाद कस्टम एवं बॉर्डर प्रोडक्शन अफसर अंतिम फैसला करते हैं।
- इस कार्यक्रम में वर्ष 2015 में पेरिस हमले के बाद बदलाव हुए हैं। ऐसे लोग जिन्होंने वर्ष 2011 के बाद ईरान इराक लीबिया सीरिया सूडान सोमालिया या यमन की यात्रा की उन्हें कार्यक्रम के लाभ से अयोग्य करार दिया जाता है।

Today News 24x7 Channel

Subscribe